दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने राजा इकबाल सिंह को मेयर पद के लिए और जय भगवान यादव को डिप्टी मेयर पद के लिए मैदान में उतारा है। यह ऐलान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने किया।
वीरेंद्र सचदेवा ने इस मौके पर आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग एमसीडी अपने हाथ में लेकर दिल्ली को साफ करने का दावा कर रहे थे, वही आज नगर निगम में भ्रष्टाचार फैलाने के आरोपी बन बैठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ अब जनता का सामना करने से भी कतरा रही है।
दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 25 अप्रैल को होने हैं, लेकिन मुकाबले की तस्वीर अब एकतरफा होती जा रही है। आम आदमी पार्टी ने इस बार मेयर पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए आप नेता सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने कहा कि बीजेपी सत्ता पाने के लिए आप पार्षदों को डरा और खरीदने की कोशिश कर रही है। इसी के विरोधस्वरूप पार्टी चुनावी दौड़ से बाहर हो रही है।
इस राजनीतिक पृष्ठभूमि में अब माना जा रहा है कि बीजेपी के उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय है, क्योंकि नामांकन का आज आखिरी दिन है और ‘आप’ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मैदान में नहीं उतर रही।
क्या कहता है संख्याबल?
मेयर बनने के लिए किसी भी दल को कम से कम 132 वोट चाहिए। बीजेपी के पास अपने पार्षदों के साथ-साथ सांसदों और विधायकों को मिलाकर 135 वोटों का संख्याबल है, जबकि आम आदमी पार्टी के पास यह आंकड़ा 119 तक ही सीमित है। ऐसे में मुकाबला शुरू होने से पहले ही बीजेपी ने बढ़त बना ली है।
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अब 25 अप्रैल को औपचारिक चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाएगी, लेकिन सियासी समीकरण साफ तौर पर बीजेपी के पक्ष में झुक चुके हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मेयर पद पर काबिज़ होकर बीजेपी एमसीडी की कार्यप्रणाली में क्या बदलाव लाती है।