हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में बुधवार को विश्वासमत पेश किया जिसे उन्होंने हासिल भी कर लिया। मंगलवार को ही मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद नायब सिंह सैनी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया। नायब सिंह को मंगलवार की शाम को राज्यपाल ने सीएम पद की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को 48 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा था। आपको बताते चलें कि विश्वासमत के लिए हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। कांग्रेस ने इसे हड़बड़ी में बुलाया गया सत्र बताया है।
विश्वासमत के लिए बीजेपी को चाहिए था केवल 39 वोट
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। जिसमें बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता होती है। विश्वास मत के दौरान केवल 77 विधायक ही सदन में उपस्थित हैं। जिसके कारण अब बहुमत साबित करने के लिए 39 विधायकों की ही जरुआत है। बीजेपी को खुद के पास ही 41 विधायक है। इसके साथ ही बीजेपी को 6 निर्दलीय विधायक और एक गोपाल कांडा का भी समर्थन हासिल है।
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जेजेपी विधायकों में पड़ी टूट
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायकों में फुट पड़गई है। व्हिप जारी होने के बाद भी जेजेपी के चार विधायक विधानसभा पहुंच गए हैं। जेजेपी में दो गुट बनते हुए दिख रहे हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ नैना चौटाला, अनूप धानक, अमरजीत ढांडा और रामकरण काला है। वहीं दूसरे गुट में पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, रामनिवास सुरजा खेड़ा, राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह एवं जोगीराम सिहाग बाये जा रहे हैं। मंगलवार की शाम को भी शपथ ग्रहण समारोह में जेजेपी के चार विधायक पहुंचे थें। लोकसभा चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला को बड़ा झटका लगा है। सरकार से तो बहार होना ही पड़ा, पार्टी के विधायकों से भी हाथ धोना पर रहा है। जेजेपी ने विश्वासमत के दौरान अपने विधायकों को अनुपस्थित रहने को कहा था।