दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दते हुए एक जून तक के लिए जमानत दी है। केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें दो जून को सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई है।
कोर्ट ने इन शर्तों के साथ दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को पचास हजार के जमानत बांड के साथ इतनी ही जमानती राशि भी जमा करनी होगी।
कोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय जाने पर भी रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे। इसके साथ ही वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी या अनुमोदन प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक न हो।
केजरीवाल वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी ।
केजरीवाल की जमानत पर कांग्रेस ने क्या कहा ?
अरविंद केजरीवाल की जमानत पर कांग्रेस ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरविंद केजरीवाल जी को राहत मिली है, हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं। 4 जून के बाद नरेंद्र मोदी जी को समय मिलेगा कि वह आत्मचिंतन करें, कि वह किस तरह की राजनीति करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भी जल्दी ही न्याय मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक राष्ट्रीय दल के नेता हैं, गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन अभी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं।
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अदालत ने कहा, ‘वर्तमान मामले की जांच अगस्त 2022 से लंबित है। केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया। इससे भी अहम बात यह है कि गिरफ्तारी की वैधता और वैधानिकता को भी इस कोर्ट के सामने चुनौती दी गई है और हमें अभी इस पर अंतिम निर्णय देना बाकी है।