कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने सवाल उठाया है कि क्या वास्तव में पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी सैन्य ऑपरेशन की जानकारी पहले से दी गई थी? राहुल का दावा है कि यह कोई रणनीतिक कूटनीति नहीं, बल्कि देश के साथ विश्वासघात है।
राहुल गांधी ने एक हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि विदेश मंत्री खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि “ऑपरेशन सिंदूर” की जानकारी पाकिस्तान को पहले से दी गई थी। राहुल ने तीखा सवाल करते हुए पूछा, “इस वजह से हमने कितने भारतीय विमान खो दिए? क्या यह कोई कूटनीति है या फिर देश की सुरक्षा से खिलवाड़? यह एक गंभीर अपराध है और देश को सच्चाई जानने का हक है।”
विदेश मंत्रालय का जवाब, लेकिन विपक्ष अडिग
हालाँकि, विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी किया है कि उनके द्वारा पेश किए गए तथ्य गलत हैं। मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के मामले में कोई भी जानकारी लीक नहीं की जाती और सारे कदम रणनीतिक दृष्टि से उठाए जाते हैं।
पवन खेड़ा का भी केंद्र पर तीखा वार
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में खबर आई थी कि कुछ भारतीय जासूसों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इसके तुरंत बाद मामले को दबाने की कोशिश की गई। खेड़ा ने सवाल किया, “क्या ये कोई संगठित मुखबिरी है? जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब कहते थे कि असली समस्या दिल्ली में है, अब वही सवाल हम उनसे कर रहे हैं।”
“विपक्ष चुप नहीं बैठेगा” – कांग्रेस
पवन खेड़ा ने चेतावनी दी कि अगर इन सवालों को नजरअंदाज किया गया तो पुलवामा और पहलगाम जैसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम आज सवाल नहीं पूछेंगे, तो कल हमारे जवान और आम नागरिक इसकी कीमत चुकाएंगे। पूरे विश्व में भारत की छवि पर असर पड़ रहा है।”
कांग्रेस का कहना है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चुप नहीं बैठेगी और सरकार से जवाब मांगती रहेगी।
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राहुल गांधी और कांग्रेस का यह आरोप सरकार के लिए एक बार फिर से मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हालांकि विदेश मंत्रालय सफाई दे चुका है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर आगे क्या रुख अपनाती है और क्या संसद के आगामी सत्र में यह मुद्दा और गरमाता है।