देश में आए दिन हो रही साइबर धोखाधड़ी को लेकर TRAI (भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने फर्जी मोबाइल नंबरों को डिएक्टिवेट करते हुए कई सख्त नियम जारी किए हैं। इनमें से एक है सिम कार्ड नियम। जिसके तहत
ट्राई ने हाल ही में एक प्रस्ताव रखा है। जिसके तहत दो सिम कार्ड रखने वालों की जेब पर भारी असर पड़ सकता है। ट्राई ने कुछ डेटा जारी करते हुए बताया कि देश में वर्तमान में करीब 1.19 अरब से अधिक टेलीफोन कनेक्शन हैं जिनमें से कई यूजर्स के पास दो सिम कार्ड हैं। उनमें से भी अधिकतर एक सिम कार्ड एक्टिव रहता है जबकि दूसरा सिम कार्ड इनएक्टिव मोड में होता है।
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TRAI के प्रस्ताव के अनुसार अगर किसी का दूसरा सिम इनएक्टिव मोड में तो उसका चार्ज देना पड़ेगा। ये चार्ज या तो एक साथ पे करना होगा या फिर सालाना के हिसाब से चार्ज लिया जा सकता है। ट्राई ने ये भी कहा है कि, टेलीकॉम कंपनियां इनएक्टिव सिम कार्ड को बंद नही करते जिसकी वजह से देश में आने वाले दिनों में मोबाइल नंबर की कमी हो सकती है और साथ ही कई साइबर अपराध भी इनके जरिए हो रहे हैं।
TRAI क्या है?
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India, TRAI) भारत सरकार का एक स्वतंत्र निकाय है, जिसे देश में दूरसंचार सेवाओं का नियमन, सुधार और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए स्थापित किया गया है। TRAI की स्थापना 20 फरवरी 1997 को ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997’ के तहत की गई थी।
TRAI का मुख्य उद्देश्य भारतीय दूरसंचार क्षेत्र को संगठित, पारदर्शी और उपभोक्ता-केंद्रित बनाना है। यह दूरसंचार सेवाओं में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को किफायती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलें।