दिल्ली इन दिनों गैस का चैंबर बनी हुई है। सोमवार को दिल्ली एनसीआर में कोहरे और प्रदूषण की दोहरी मार देखने को मिली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण ग्रैप-4 (Graded Response Action Plan) को लागू किया गया है। इस कदम का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है, क्योंकि वर्तमान में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर प्लस श्रेणी में पहुंच गया है।
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ग्रैप-4 के तहत लागू प्रतिबंध
डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली में गैर-जरूरी चार-पहिया डीजल वाहनों और भारी डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है। केवल बीएस-6 मानकों वाले वाहन और आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन ही चल सकेंगे।
ट्रकों का प्रवेश
केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है।
निर्माण कार्य पर प्रतिबंध:
आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक लगाई गई है।
स्कूलों और कार्यालयों पर प्रभाव:
10वीं और 12वीं क्लास के अलावा सभी कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने की सलाह दी गई है और सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सिफारिश की गई है।
औद्योगिक गतिविधियां:
गैर-स्वच्छ ईंधन पर आधारित उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
AQI का मतलब है एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक), जो वायु की गुणवत्ता और उसमें मौजूद प्रदूषकों का स्तर बताने के लिए उपयोग किया जाता है। यह स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मदद करता है।
AQI के स्तर और श्रेणियां
- 0-50 (अच्छा): वायु की गुणवत्ता स्वस्थ है।
- 51-100 (संतोषजनक): हल्की स्वास्थ्य समस्याएं संवेदनशील लोगों को प्रभावित कर सकती हैं।
- 101-200 (मध्यम): संवेदनशील लोगों को सांस लेने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
- 201-300 (खराब): अस्थमा या सांस संबंधी रोग वाले लोगों के लिए हानिकारक।
- 301-400 (बहुत खराब): स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर।
- 401-500 (गंभीर): सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम, लंबे समय तक संपर्क में रहना खतरनाक।
दिल्ली का वर्तमान AQI (17 नवंबर 2024)
दिल्ली में AQI “गंभीर प्लस” श्रेणी में है, जो 500 से ऊपर पहुंच गया है। यह वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक स्तर है। यह स्थिति सांस और हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है। प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों का धुआं, पराली जलाना, और निर्माण कार्य हैं।
स्वास्थ्य सलाह:
- बाहर जाने से बचें।
- मास्क का उपयोग करें।
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।