Kailash Gahlot: दिल्ली की राजनीति से रविवार की दोपहर ऐसी खबर आई जिसने सबको हैरानी में डाल दिया। खबर थी दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की इस्तीफे की। मंत्री कैलाश गहलोत ने ना सिर्फ इस्तीफे का पत्र दिया बल्कि दिल्ली सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण पार्टी में वादों की अनदेखी और हाल के विवादों को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के मूल्यों में गिरावट हो रही है, जिससे वह असहज महसूस कर रहे थे। उनके इस्तीफे ने AAP के अंदरूनी मुद्दों और नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
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कैलाश गहलोत ने ये पत्र आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखा। जिसमें केजरीवाल के सरकारी बंगले के निर्माण और यमुना की सफाई का मुद्दा उजागर किया। चिट्ठी में कैलाश गहलोत ने लिखा, ‘शीशमहल जैसे कई शर्मनाक कारनमें अभी बाकी हैं। पार्टी ने जो वादे जनता से किए उस पर खरी नहीं उतरी तो मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 17, 2024
क्या अभी भी हम आम आदमी होने में भरोसा कर रहे हैं। ये सच है कि अगर पार्टी अपना ज्यादा समय केंद्र सरकार से लड़ाई करने में बिताती है तो दिल्ली का विकास नहीं हो पाएगा। मेरे पास पार्टी से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’
इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है। ‘पार्टी ने कहा कैलाश गहलोत ने ईडी और इनकम टैक्स के डर से इस्तीफा दिया है। उनके खिलाफ ED और इनकम टैक्स में कई केस चल रहे हैं। ये भाजपा की गंदी राजनीति है।’
वहीं, अब दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है कि क्या कैलाश गहलोत भाजपा का दामन थामने जे रहे हैं। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, “कैलाश गहलोत ने केजरीवाल के सच्चाई दिखा दी है। अब वो केजरीवाल के लुटेरा गैंग का हिस्सा नहीं बनना चाहते। हालांकि कैलाश गहलोत के भाजपा में शामिल होने के कयासों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं दी।