NEET UG 2024 Result Update: नीट यूजी के रिजल्ट में चल रही धांधली के आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि 13 जून को एक बड़ा फैसला दिया। दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होगी। यानि कि कोर्ट ने नीट यूजी 2024 ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। 1563 स्टूडेंट्स जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले थे उनके रिजल्ट कैंसिल कर दिए गए हैं और ये भी कहा है कि इन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी।
इस पर अब विपक्ष ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस में मीडिया और प्रचार (संचार विभाग) के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार से कई सवाल पूछे।
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उन्होंने कहा, ‘NEET घोटाला व्यापम 2.0 है, मोदी सरकार इस पर लीपापोती करना चाहती है! अब वो जवाबदेही से भाग नहीं सकती।
24 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में है, क्योंकि पेपर लीक, भ्रष्टाचार, बड़े पैमाने पर अनियमितताएं, प्रतिरूपण, नियमों में बिना वजह परिवर्तन, विशिष्ट केंद्रों पर टॉपर्स का समूहन, ग्रेस मार्क्स का बोलबाला है। मोदी सरकार को शिक्षा मंत्री को NEET घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फोरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए।
आगे मोदी सरकार और उसके शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का NEET घोटाले पर व्यापक विरोध, कई अदालती मामलों और छात्रों के जबरदस्त आक्रोश को प्रेरित कहने का शर्मनाक बयान 24 लाख उम्मीदवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है, जिनका भविष्य भाजपा द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रधानमंत्री श्री मोदी और शिक्षा मंत्री श्री प्रधान से 6 सवाल पूछना चाहती है, जिनका उन्हें जवाब देना पड़ेगा –
- क्या यह सच नहीं है कि NEET-UG 2024 पेपर लीक की जांच कर रही पटना पुलिस (बिहार) की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पाया है कि मेडिकल उम्मीदवारों ने 5 मई को होने वाली परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों तक पहुंच पाने के लिए रैकेट में शामिल ‘दलालों’ को 30 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक की बड़ी रकम का भुगतान किया है? कई अखबारों में 60 करोड़ रुपये के लेन-देन की खबरें भी छपी हैं।
- क्या शिक्षा मंत्री इस तथ्य से इनकार कर सकते हैं कि NEET पेपर लीक में बिहार में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, एक संगठित गिरोह के माध्यम से, जिसने कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले टेलीग्राम चैनलों पर NEET के पेपर लीक किए थे? क्या इसकी आगे जांच की गई?
- क्या शिक्षा मंत्री इस बात से इनकार कर सकते हैं कि गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति समेत 3 लोग शामिल हैं, जिसमें मामले की जांच में छात्रों, उनके अभिभावकों और आरोपियों के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन सामने आया है? परीक्षा में नकल करने वाले प्रत्येक छात्र से 10 लाख रुपये की दर तय की गई थी। आरोपियों ने योजना बनाई थी कि उन्हें करीब 26 करोड़ रुपये मिलेंगे। मोदी सरकार, गुजरात सरकार और NTA इस घोटाले को देश से क्यों छिपा रहे हैं?
- क्या यह सच नहीं है कि इस साल यानी 2024 में 67 टॉपर थे जिन्हें 720 का परफेक्ट स्कोर दिया गया था। 2023 में यह संख्या सिर्फ 2 थी। 2022 में कोई भी अभ्यर्थी पूरे अंक हासिल नहीं कर सका। 2021 में सिर्फ 3 ही यह स्कोर हासिल कर सके। क्या यह सच नहीं है कि बहादुरगढ़ के एक ही सेंटर से 6 छात्रों ने अधिकतम अंक हासिल किए? NTA ने पहले ही माना है कि इन 67 छात्रों में से 44 ने पूर्ण अंक प्राप्त किए क्योंकि उन्होंने छात्रों को अवैध ग्रेस अंक दिए थे। NTA ने उम्मीदवारों को ग्रेस अंक देने की इस Adhoc प्रक्रिया को क्यों अपनाया? यही नहीं, क्या यह सच नहीं है कि इस साल 690 से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में असामान्य वृद्धि देखी गई।
अगर NEET में पेपर लीक नहीं हुआ तो…
- बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया?
- क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले ₹30-₹50 लाख तक के भुगतान का पटना पुलिस की Economic Offences Unit (EOU) ने पर्दाफ़ाश नहीं किया?
- गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है?
जिसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति समेत 3 लोग शामिल हैं और गुजरात पुलिस के अनुसार आरोपियों के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन सामने आया है?
अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ NEET में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियाँ क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला?
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क्या मोदी सरकार देश की जनता की आँखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?
मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटने का काम किया है। NEET में 24 लाख युवा डॉक्टर बनने के लिए परीक्षा देते हैं, जिसमें वो 1 लाख मेडिकल सीटों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। इन एक लाख सीटों में से करीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट है जहां SC, ST, OBC, EWS वर्गों की सीट आरक्षित हैं।
इस बार मोदी सरकार ने NTA का दुरुपयोग कर Marks और Ranks की ज़ोरदार धाँधली की है जिससे आरक्षित सीटों का Cut-off भी बढ़ गया है।
ऐसा प्रतीत होता है कि गुणवान के छात्रों को रियायती दरों में सरकारी दाखिले से वंचित करने के लिए Grace Marks, Paper Leaks और धांधली का खेल खेला गया।